Tuesday, February 1, 2022
Bogibeel Bridge-longest rail road Bridge in India
जब बात देश के बुनियादी ढांचे के विकास
की हो तो मोदी सरकार अतुलनीय कार्य कर रही है, बोगीभील रेल रोड
ब्रिज अब बन के तैयार है, इस ब्रिज पर ट्रेन का ट्रायल चल रहा है,
110
किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हुआ है, बोगीभील ब्रिज
परियोजना की लागत शुरू में 3230.02 करोड़ रुपये थी, लेकिन अंतिम
संशोधित लागत 4857 करोड़ रुपये है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कुछ ही महीनों में इस ब्रिज
को देश को समर्पित करेंगे.
आईए इस रेल रोड ब्रिज के बारे में कुछ
महत्वपूर्ण बातें जानते है. 👇
बोगीभील ब्रिज उत्तर-पूर्वी भारतीय
राज्य असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर 4.94 किलोमीटर लंबी संयुक्त सड़क और रेल पुल है जो #Dhemaji
जिला और
#Dibrugarh जिले के बीच है.
बोगीभील रेल रोड ब्रिज की योजना 1985 में बनी थी.
1997 में स्वीकृत
हुई.
1998 में इसको
मंजूरी मिली.
2002 में अटल बिहारी
बाजपेई जी द्वारा इस ब्रिज निर्माण की नींव रखी गई.
इस रेल रोड ब्रिज का उद्धघाटन 2009 में होना था.
इस कार्य में तेजी 2014 में मोदी के
कार्यभार संभालने के बाद आयी.
इस ब्रिज के निर्माण से वर्तमान में
डिब्रूगढ़ असम के उत्तर पूर्वी क्षेत्र से ब्रम्हपुत्र नदी पार करने के लिए 600 किलोमीटर की
दूरी घट कर 4.94 किलोमीटर हो गई है.
Assam
के
उत्तर-पूर्वी कोने में डिब्रूगढ़ से कार्गो जहाजों को केवल ब्रह्मपुत्र नदी को पार
करने के लिए 600 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है.
इससे अरुणाचल प्रदेश में चीन कि सीमा
के पास सैन्य सामग्री पहुंचाने में भारतीय सेना को भी फायदा होगा.
बोगीभील ब्रिज में कुल 42 पिलर्स है
जिनमे से जुलाई 2014 तक सिर्फ 15 पिलर्स बने थे,
27 पिलर्स
सिर्फ 4 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा बनवाया गया है व पूरे ब्रिज
का निर्माण कार्य पूरा करवाया है.
परीक्षण के दौरान ट्रेन ने 110 किलोमीटर प्रति
घंटा की असाधारण गति सफलतापूर्वक हासिल की है.
इसके पूरा होने पर, यह भारत का सबसे
लंबा रोड और रेल पुल होगा, जो पहाड़ी इलाके में बेहतर रेल कनेक्टिविटी
प्रदान करेगा.
निचले डेक को एक डबल लाइन 1,676 मिमी ब्रॉड गेज
ट्रेन ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और ऊपरी डेक पर 3-लेन वाली सड़क
है.
यह पानी की सतह से 32 मीटर ऊपर है.
बोगीभील पुल के डिजाइन में 125 मीटर की 39 विस्तार और
संयुक्त वेल्डेड स्टील बंधन व सुदृढ़ कंक्रीट का एक अधिरचना है.
बोगीभील ब्रिज 916 किलोमीटर लंबी
ब्रह्मपुत्र नदी पर 6वां पुल होगा.
छह और ब्रिज का निर्माण जारी है/योजना
बनाई गई है.
मोदी सरकार की ब्रम्हपुत्र नदी पर कुल 12 ब्रिज के
निर्माण करने की योजना है.
इस प्रोजेक्ट की समय सीमा को देख कर आप
आसानी से समझ सकते है कि कांग्रेस सरकार ने किस तरह महत्वपूर्ण योजनाओं को वर्षों
तक लटका कर रखा, कोई ध्यान ही नहीं दिया, वोट पाने के समय
योजनाओं का शिलान्यास किया और सरकार बनने के बाद अपनी ही योजनाओं को ठंडे बस्ते
में सालो तक पड़े रहने दिया.
कांग्रेस पार्टी की सरकार किस दिन का
इंतज़ार कर रही थी देश की इन महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य प्रारंभ करवाने, निर्माण कार्य
पूरा करवाने के लिए ?? कांग्रेसियों ने सोचा होगा की एक दिन मोदी आएगा
और वो सब काम करेगा फिर हम कहेंगे कि ये तो हमारी परियोजना थी, मोदी तो बस फीता
काट रहा है...
मोदी जी ने ऐसी ही दशकों से लटकी 10 लाख करोड़ रुपए
की परियोजनाओ को शुरू करवाया है और लगातार खुद इन सभी परियोजनाओं की सेटेलाइट
टेक्नोलॉजी के माध्यम से समय समय पर निर्माण स्थिति का जायजा भी लेते रहते है..
मोदी सरकार देश की भलाई के लिए दशकों
से लटकी परियोजनाओं पर युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है और कोशिश कर रही है की इसी 5 वर्ष के
कार्यकाल में ही जिन परियोजनाओं को हाथ में लिया है उसको पूरा कर देश को समर्पित
किया जा सके.
Bogibheel
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In 2019 North East
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