★ बीज़ खरीदने के लिए सब्सिडी।
★ कृषि
उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी।
★ यूरिया
(खाद) खरीदने के लिए सब्सिडी।
★ ट्रेक्टर
ट्रोली खरीदने पर सब्सिडी।
★ पशुधन
खरीदने पर सब्सिडी।
★ खेती
पर लगने वाले अन्य खर्च के लिए सब्सिडी युक्त कर्ज।
★ किसान
क्रेडिट कार्ड से कर्ज।
★ जैविक
खेती करने पर सब्सिडी।
★ खेत
में डिग्गी बनाने हेतु सब्सिडी।
★ फसल
प्रदर्शन हेतु सब्सिडी।
★ फसल
का बीमा।
★ सिंचाई
पाईप लाईन हेतु सब्सिडी।
★ स्वचालित
कृषि पद्धति अपनाने वाले किसानों को सब्सिडी।
★ जैव
उर्वरक खरीदने पर सब्सिडी।
★ नई
तरह की खेती करने वालो को फ्री प्रशिक्षण।
★ कृषि
विषय पर पढ़ने वाले बच्चों को अनुदान।
★ सोलर
एनर्जी के लिए सब्सिडी।
★ बागवानी
के लिए सब्सिडी।
★ पंप
चलाने हेतु डीजल में सब्सिडी।
★ खेतो
में बिजली उपयोग पर सब्सिडी।
उसके
अलावा
★ सूखा
आए तो मुआवजा।
★ बाढ़
आए तो मुआवजा।
★ टिड्डी-कीट
जैसे आपदा पर मुआवजा।
★ सरकार
बदलते ही सभी तरह के कर्ज माफी।
★ सरकार
ने किसानों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने। के लिए अनेकों और तरह की योजनाएं बनाई
है। जिसमे डेयरी उत्पाद मत्स्य पालन बागवानी फल व सब्जी पर भी अनेकों प्रकार की
सब्सिडी दे रही है।
इसके
अलावा
★ इन्हीं
से 20 रुपए किलो गेहूं खरीद कर 2
रुपए किलो में इन्हे दिया जा रहा है।
★ पक्के
मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपए तक सब्सिडी दी जा रही
है।
★ शौचालय
निर्माण फ्री में किया जा रहा है।
★ घर
पर गंदा पानी की निकासी के लिए होद फ्री में बनवाई जा रही है।
★ साफ
पीने का पानी फ्री में दिया जा रहा है।
★ बच्चो
को पढ़ने खेलने व अन्य तरह के प्रशिक्षण फ्री में करवाए जा रहे हैं।
★ साल
के 6000 रुपए खाते में फ्री में आ रहे
हैं।
तरह-तरह
की पेंशन वगैरा आ रही है।
★ मनरेगा
में बिना कार्य किए रुपए दिए जा रहे हैं।
अगर
उसके बावजूद भी इस देश के किसानों को सरकार से अपना हक नहीं मिल रहा तो शायद कभी
नहीं मिलेगा।
एक
निगाह उन मजदूरों, छोटे रेहड़ी वालों, छोटे
व्यवसायियों, वकीलों, पढ़े-लिखे
बेरोजगारों, ड्राइवरों, कचरा
बीन कर पेट पालने वालों पर डालो।
रोज
नई नई समस्या से जूझते हैं रोज रोज मरते हैं परन्तु
कभी
भीड़ इकट्ठी कर देश के कानून को बंधक नहीं बनाते,
नित
अपनी कमजोरी के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं होते
अपनी
कमजोरी का रोना रोकर दूसरो के हक नहीं लेते
देश
की सरकारों से ब्लैकमेलिंग नहीं करते।
बहुत
हो गया ये रोज रोज का तमाशा
सरकारों
को दोष देना बंद करो।