Wednesday, May 1, 2019
बढ़ती उम्र
खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना
तनावमुक्त जीवन देता है।
हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर
आती है, उसका आनंद लीजिये।
बाल रंगने हैं तो रंगिये,
वज़न कम रखना है तो रखिये,
मनचाहे कपड़े पहनने हैं, तो पहनिये।
बच्चों की तरह खिलखिलाइये,
अच्छा सोचिये,
अच्छा माहौल रखिये,
शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को
स्वीकारिये।
कोई भी क्रीम आपको गोरा नहीं बनाती,
कोई शैम्पू बाल झड़ने से नहीं रोकता,
कोई तेल बाल नहीं उगाता,
कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नहीं
देता।
चाहे वो प्रॉक्टर गेम्बल हो या पतंजलि
.....सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं।
ये सब कुदरती होता है।
उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बालों तक
में बदलाव आता है।
पुरानी मशीन को maintain
करके
बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नहीं कर सकते।
ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना
किसी में नीम।
किसी क्रीम में केसर नहीं होती, क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की
नहीं होती !
कोई बात नहीं अगर आपकी नाक मोटी है तो,
कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,
कोई बात नहीं अगर आप गोरे नही हैं
या आपके होंठों की shape
perfect नहीं
हैं....
फिर भी हम सुंदर हैं,
अपनी सुंदरता को पहचानिये
दूसरों से कमेंट या वाहवाही लूटने के
लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है, अपनी सुंदरता को महसूस करना।
हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है
क्योंकि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे़ होने पर जब हम छल व कपट से जीवन
जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं,
..फिर उस सुंदरता
को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।
मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।
पेट निकल गया तो कोई बात नहीं उसके लिए
शर्माना ज़रूरी नहीं ।
आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है
तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता-बढ़ता है, उसे समझिये।
सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह-तरह
के उपदेशों से भरा रहता है,
ये खाओ, वो मत खाओ
ठंडा खाओ , गर्म पीयो,
कपाल भाती करो,
सवेरे नीम्बू पीयो ,
रात को दूध पीयो,
ज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो
दाहिने से सोइये ,
बायें से उठिये,
हरी सब्जी खाओ,
दाल में प्रोटीन है,
दाल से क्रिएटिनिन बढ़ जाएगा।
अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने
लगें तो पता चलेगा
ये ज़िन्दगी बेकार है, ना कुछ खाने को
बचेगा ना कुछ जीने को !!
आप डिप्रेस्ड हो जाएंगे।
ये सारा ऑर्गेनिक ,एलोवेरा, करेला, मेथी,पतंजलि ,कोलगेट में
फंसकर दिमाग का दही हो जाता है।
स्वस्थ होना तो दूर, स्ट्रेस हो जाता
है।
अरे! अपन मरने के लिये जन्म लेते हैं,
कभी ना कभी तो मरना है ही, अभी तक बाज़ार
में अमृत बिकना शुरू नहीं हुआ।
बस, हर चीज़ सही
मात्रा में खाइये,
हर वो चीज़ थोड़ी-थोड़ी जो आपको अच्छी
लगती है।
भोजन का सम्बंध मन से होता है,
और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।
मन को मारकर खुश नहीं रहा जा सकता।
थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिये,
टहलने जाइये,
लाइट कसरत करिये
व्यस्त रहिये,
खुश रहिये ,
शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये।
Live
life Naturally🌹😘
Your
body is a gift of God.
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