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Justice is where Judges follow Law-KD Aggarwal. Powered by Blogger.

If Judgments were based on law, every lawyer will get same fees!-KD Aggarwal

Facts and Statute are Not Relevant. They are invented / concealed / amended by corrupt Judges - KD Aggarwal.

Let us make India Corruption free

The matter and inference drawn are based on actual personal experiences of Author. They are meant to serve as beacon to those who may find themselves in similar situations to save themselves from clutches of unscrupulous persons. They are also meant to serve as an eye opener to those men who are sitting at Helm of Affairs for improvement of judicial system and corruption free India, so that never again one says; "the law court is not a cathedral (what they used to be) but a casino where so much depends on the throw of the dice (and money). K R Narayanan http://www.krnarayanan.in/html/speeches/others/jan28_00.htm

Transparency improves Accountability

Every Judge is Public Servant and thus accountable for his acts. Transparency of Complaints against Judges and instant stringent action for perjury and violation of their oath will improve Dignity of Courts and Justice delivery.

Saturday, April 1, 2023

वीर सावरकर कौन थे

वीर सावरकर कौन थे, जिन्हें आज कांग्रेसी और वामपंथी कोस रहे हैं और क्यों, जानने हेतु पूरा पढ़ें?
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ये 25 बातें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो उठेगा। इसको पढ़े बिना आज़ादी का ज्ञान अधूरा है! आइए जानते हैं एक ऐसे महान क्रांतिकारी के बारे में जिनका नाम इतिहास के पन्नों से मिटा दिया गया। जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के द्वारा इतनी यातनाएं झेलीं की उसके बारे में कल्पना करके ही इस देश के करोड़ों भारत माँ के कायर पुत्रों में सिहरन पैदा हो जायेगी।
जिनका नाम लेने मात्र से आज भी हमारे देश के राजनेता भयभीत होते हैं क्योंकि उन्होंने माँ भारती की निस्वार्थ सेवा की थी वो थे हमारे परमवीर सावरकर।
1. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी देशभक्त थे जिन्होंने 1901 में ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया की मृत्यु पर नासिक में शोक सभा का विरोध किया और कहा कि वो हमारे शत्रु देश की रानी थी हम शोक क्यों करें क्या किसी भारतीय महापुरुष के निधन पर ब्रिटेन में शोक सभा हुईं।
2. वीर सावरकर पहले देशभक्त थे जिन्होंने एडवर्ड सप्तम के राज्याभिषेक समारोह का उत्सव मनाने वालों को त्र्यम्बकेश्वर में बड़े बड़े पोस्टर लगाकर कहा था कि गुलामी का उत्सव मत मनाओ।
3. विदेशी वस्त्रों की पहली होली पूना में सात अक्तूबर 1905 को वीर सावरकर ने जलाई थी।
4. बाल गंगाधर तिलक ने अपने पत्र केसरी में उनको शिवाजी के समान बताकर उनकी प्रशंसा की थी जबकि इस घटना की दक्षिण अफ्रीका के अपने पत्र ‘इन्डियन ओपीनियन’ में गाँधी ने निंदा की थी।
5. सावरकर द्वारा विदेशी वस्त्र दहन की इस प्रथम घटना के 16 वर्ष बाद गाँधी उनके मार्ग पर चले और 11 जुलाई 1921 को मुंबई के परेल में विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया।
6. सावरकर पहले भारतीय थे जिनको 1905 में विदेशी वस्त्र दहन के कारण पुणे के फर्म्युसन कॉलेज से निकाल दिया गया और दस रूपये जुरमाना किया… इसके विरोध में हड़ताल हुई… स्वयं तिलक जी ने ‘केसरी’ पत्र में सावरकर के पक्ष में सम्पादकीय लिखा।
7. वीर सावरकर ऐसे पहले बैरिस्टर थे जिन्होंने 1909 में ब्रिटेन में ग्रेज-इन परीक्षा पास करने के बाद ब्रिटेन के राजा के प्रति वफ़ादार होने की शपथ नहीं ली, इस कारण उन्हें बैरिस्टर होने की उपाधि का पत्र कभी नहीं दिया गया।
8. वीर सावरकर पहले ऐसे लेखक थे जिन्होंने अंग्रेजों द्वारा ग़दर कहे जाने वाले संघर्ष को ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ नामक ग्रन्थ लिखकर सिद्ध कर दिया।
9. सावरकर पहले ऐसे क्रांतिकारी लेखक थे जिनके लिखे ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ पुस्तक पर ब्रिटिश संसद ने प्रकाशित होने से पहले प्रतिबन्ध लगाया था।
10. ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ विदेशों में छापा गया और भारत में भगत सिंह ने इसे छपवाया था जिसकी एक एक प्रति तीन-तीन सौ रूपये में बिकी थी, भारतीय क्रांतिकारियों के लिए यह पवित्र गीता थी, पुलिस छापों में देशभक्तों के घरों में यही पुस्तक मिलती थी।
11. वीर सावरकर पहले क्रान्तिकारी थे जो समुद्री जहाज में बंदी बनाकर ब्रिटेन से भारत लाते समय आठ जुलाई 1910 को समुद्र में कूद पड़े थे और तैरकर फ्रांस पहुँच गए थे।
12. सावरकर पहले क्रान्तिकारी थे जिनका मुकद्दमा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग में चला, मगर ब्रिटेन और फ्रांस की मिलीभगत के कारण उनको न्याय नहीं मिला और बंदी बनाकर भारत लाया गया।
13. वीर सावरकर विश्व के पहले क्रांतिकारी और भारत के पहले राष्ट्रभक्त थे जिन्हें अंग्रेजी सरकार ने दो आजन्म कारावास की सजा सुनाई थी।
14. सावरकर पहले ऐसे देशभक्त थे जो दो जन्म कारावास की सजा सुनते ही हंसकर बोले - “चलो, ईसाई सत्ता ने हिन्दू धर्म के पुनर्जन्म सिद्धांत को मान लिया”।
15. वीर सावरकर पहले राजनैतिक बंदी थे जिन्होंने काला पानी की सज़ा के समय 10 साल से भी अधिक समय तक आज़ादी के लिए कोल्हू चलाकर 30 पोंड तेल प्रतिदिन निकाला।
16. वीर सावरकर काला पानी में पहले ऐसे कैदी थे जिन्होंने काल कोठरी की दीवारों पर कंकर और कोयले से कवितायें लिखीं और 6000 पंक्तियाँ याद रखी।
17. वीर सावरकर पहले देशभक्त लेखक थे, जिनकी लिखी हुई पुस्तकों पर आज़ादी के बाद भी कई वर्षों तक प्रतिबन्ध लगा रहा,इस कारण ये सब देश विरोधी उनका विरोध करते हैं।
18. वीर सावरकर पहले विद्वान लेखक थे जिन्होंने हिन्दू को परिभाषित करते हुए लिखा कि :
‘आसिन्धु सिन्धुपर्यन्ता यस्य भारत भूमिका,
पितृभू: पुण्यभूश्चैव स वै हिन्दुरितीस्मृतः।
अर्थात समुद्र से हिमालय तक भारत भूमि जिसकी पितृभूमि है, जिसके पूर्वज यहीं पैदा हुए हैं व यही पुण्य भूमि है,जिसके तीर्थ भारत भूमि में ही हैं, वही हिन्दू है।
19.वीर सावरकर प्रथम राष्ट्रभक्त थे जिन्हें अंग्रेजी सत्ता ने 30 वर्षों तक जेलों में रखा तथा आजादी के बाद 1948 में नेहरु सरकार ने गाँधी हत्या की आड़ में लाल किले में बंद रखा पर न्यायालय द्वारा आरोप झूठे पाए जाने के बाद उन्हें ससम्मान रिहा कर दिया, देशी-विदेशी दोनों सरकारों को उनके राष्ट्रवादी विचारों से डर लगता था।
20. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी थे जब उनका 26 फरवरी 1966 को स्वर्गारोहण हुआ तब भारतीय संसद में कुछ सांसदों ने शोक प्रस्ताव रखा तो यह कहकर रोक दिया गया कि वे संसद सदस्य नही थे जबकि उसी संसद में चर्चिल की मौत पर शोक मनाया गया था।
21. वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी राष्ट्रभक्त स्वातंत्र्य वीर थे जिनके मरणोपरांत 26 फरवरी 2003 को उसी संसद में मूर्ति लगी जिसमे कभी उनके निधन पर शोक प्रस्ताव भी रोका गया था।
22. वीर सावरकर ऐसे पहले राष्ट्रवादी विचारक थे जिनके चित्र को संसद भवन में लगाने से रोकने के लिए कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा लेकिन राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने सुझाव पत्र नकार दिया और वीर सावरकर के चित्र अनावरण राष्ट्रपति ने अपने कर-कमलों से किया।
23. वीर सावरकर पहले ऐसे राष्ट्रभक्त हुए जिनके शिलालेख को अंडमान द्वीप की सेल्युलर जेल के कीर्ति स्तम्भ से UPA सरकार के मंत्री मणिशंकर अय्यर ने हटवा दिया था और उसकी जगह गांधी का शिलालेख लगवा दिया।
24. वीर सावरकर ने दस साल आजादी के लिए काला पानी में कोल्हू चलाया था जबकि गाँधी ने काला पानी की उस जेल में कभी दस मिनट चरखा नही चलाया?
25. वीर सावरकर माँ भारती के पहले सपूत थे जिन्हें जीते जी और मरने के बाद भी आगे बढ़ने से रोका गया, पर आश्चर्य की बात यह है कि इन सभी विरोधियों के घोर अँधेरे को चीरकर आज वीर सावरकर सभी मे लोकप्रिय और युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत हैं।
वन्दे मातरम्॥
🚩🚩🚩🚩🚩

Wednesday, March 1, 2023

Science and Hindi



Today's students may not even know that the alphabets of Hindi language are scientific. Each letter of the alphabet is logical and placed sequentially with precise calculations. Such a scientific view is not ingrained in the alphabet of any other foreign languages. E.g. See:
*क ख ग घ ઙ* - This group of five is called *kanthavya* because the sound comes out of the throat while pronouncing this. Try pronouncing.
*च छ ज ज ઞ* - These five are called *palate* because the tongue will feel palate while pronouncing this. Try pronouncing.
*ट ठ ड ण* - These five are called *Murdhanya* because while pronouncing this the tongue will feel Murdhanya. Try pronouncing.
*त थ द ध न* - This group of five is called *Dantavya* because the tongue touches the teeth while pronouncing this. Give it a try
*प फ ब भ म* - This group of five is called *Aushthavya* because both the lips meet to pronounce this. Give it a try
Any other language in the world has such a scientific approach? We need pride for our Indian language but at the same time let us know why and let the world know.

Wednesday, February 1, 2023

Sikh Gurus did not save Hinduism

It is a wide misconception circulated by misguided persons that Sikh Guru saved Hinduism. Their misguided belief is based on story revolving around martyrdom of Guru Teg Bahadur which is as under;-.  

 Guru Teg Bahadur’s martyrdom

In the late 17th century, Mughal King Aurangzeb imposed the Sharia law across his empire and an additional jizya tax on non-Muslims and started forcible conversions. In May 1675, Guru Teg Bahadur Ji was approached by some Kashmiri Pandits seeking the Guru's intervention against their forced conversions. Guru Teg Bahadur left from his base at Makhowal to confront the forcible conversions of Kashmiri Pandits but was arrested at Ropar and put in Jail at Sirhind. In November 1675, he was transferred to Delhi and asked to perform a miracle to prove his nearness to God or convert to Islam. Three Pandits namely Bhai Mati Dass, Bhai Sati Dass Bhai Dayala, pleaded with King Aurangzeb to kill them but spare life of Guru Teg Bahadur. All three Pandits were tortured to death in front of Guru Teg Bahadur.   Bhai Mati Das was sawn into pieces, Bhai Sati Das was burned alive and Bhai Dayala was thrown into a cauldron of boiling water. Martyrdom of Pandits did not save life of Guru Tag Bahadur. On the orders of King Aurangzeb Guru Teg Bahadur Ji was publicly beheaded at Delhi. Today, Gurdwara Sis Ganj Sahib and Gurdwara Rakab Ganj Sahib stand at the sites of beheading and cremation of Guru Ji’s body.

The martyrdom of Brahims; Bhai Mati Dass, Bhai sati Dass and Bhai Dayala did not save life of Guru Teg Bahadur, same way, beheading of Guru Teg Babahur did not save even a single Kashmiri Pandits from conversion. Pandits never claim that they saved Sikhism even though three brahims Bhai Mati Dass, Bhai Sati Dass and Bhai Dayala died in trying to save 9th Guru Teg Bahadur.

Hinduism is spread worldwide was there 5000 years earlier, is there now will remain and not limited to Kashmir. Martyrdom of Guru Teg Bahadur did not stop conversions in Kashmir. The “Muslims” you see in Kashmir today are all converted Kashmiri Pandits. It is complete misconception to say Sikh Guru Teg Bahadur saved Hinduism or even few Kashmiri pundits from conversion. It is same misconception to say Brahims saved Sikhism though three Brahims died in trying to save 9th Sikh Guru Teg Bahadur ji. It were Brahims who gave a call that first born male of the Punjabi Hindu Family is given to the Sikh Panth to grow up as a highly skilled Warrior as protector of religious freedom and pacifist Hindus.

 

Sunday, January 1, 2023

FDI - Loss of precious foreing exchange a drain on economy

My Letter to Hon\ble Prime Minister of India on 29th August 2021

"Foreign direct "investment" is exactly what it says. "Investment" seeking returns and income. For every 100 million FDI the investor will take away 105-110 million back thereby decreasing value of rupee and increasing value of US dollar. FDI is counterproductive to national interest.

India must focus on transfer of technology not FDI.

Kapil Dev Aggarwal



Thursday, December 1, 2022

मैं मानता हूँ कांग्रेस में कुछ कमियां थी।


मैं मानता हूँ कांग्रेस में कुछ कमियां थी।

ये सच है कि 24 लाख करोड़ के घोटाले हुए।

ये सच है कि हिन्दुओ की नही सुनी जाती थी।

ठीक है मानता हूं कि महँगाई बढ़ते बढ़ते 12% से ऊपर चली गई थी।

मैं मानता हूं कि आतंकवादी मजबूत थे।

मैं मानता हूं कि पाकिस्तान और चीन हमारे उपर हावी थे।

मैं मानता हूं कि अलगाववादियों की चलती थी।

मैं ये भी मानता हूँ कि विकास दर एक बार को 4% से भी नीचे आ गई थी।

भगवा आतंकवाद को झूठा प्रचार मिला था।

चलो ये भी मानता हूं कि विदेशों से परमाणु और सैन्य सौदों में दिक्कत थी।

10 साल तक कोई बड़े हथियार नही खरीदे गए थे।

माना की चीन ने 4-5 जगह पर कब्ज़ा कर लिया था

सैनिको की आधारभूत सुविधाएं उन्हें नहीं मिली थी

माना की सेना का मनोबल बहोत कम था

माना की A-SAT मिसाइल के परिक्षण की अनुमति नहीं मिली

माना की नक्सल आतंकवाद चरम पर था

माना की गाहे बगाहे बम ब्लास्ट हो जाया करते थे

मानता हूं सेना को OROP नही दे पाए थे

माना की Swiss Bank में पैसा जमा किया जा रहा था

देश पर विदेशी कर्ज बहोत ही ज्यादा था

माना की सरकारी बंगले पर वाड्राइन ने कब्ज़ा किया हुआ था

माना देश में विदेशी निवेश बहोत कम था

माना आज की तरह 28 किमी की जगह प्रतिदिन 2 ही किमी हाइवे ही बनते थे

माना 21,000 गावो में बिजली नही थी

माना की 41 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट नहीं थे

माना की घर की बिजली अक्सर चली जाया करती थी

माना महँगा गैस सिलिंडर लाइन लगाकर लेना पड़ता था

माना 20,000 लोगों के पास गैस सिलिंडर नहीं थे 

माना जनसाधारण लोग खुले में शौच जाते थे

माना की किसान Urea के लिए भी तड़पता था

माना लाखों करोड़ों के आयल बांड ले लिए गए थे

माना PM गूंगा बहरा गुलाम निकम्मा था 

मानता हूँ की सरकार से RGF ट्रस्ट में पैसा चला जाता था

माना की देश का व्यापार घाटा बहोत ही ज्यादा था

फसल बीमा योजना जैसा कुछ नही था

माना की Border Road प्रोजेक्ट ठप्प हो गया था

मानता हूँ की Crude Oil रिज़र्व का काम अधूरा छोड दिया था

माना कि, होमलोन 11% थे, मकान बनवाना महँगा था।

हम मानते है गौहत्या आसान था और अवैध बूचड़खानों पर कोई लगाम नहीं था।

माना की जाकिर नाइक जिहाद की अवाज्ज़ा बुलंद करता था 

माना बुखारी के अनुसार काम होता रहा होगा

माना देशविरोधी नारे लगाने पर कार्यवाही नहीं होती थी

माना तिरंगा भी जला लेते थे कुछ लोग । 

माना की Waterways प्रोजेक्ट ठप्प हो गया था

माना की 10 साल में राफेल नहीं खरीद पाए थे

मानता हूँ की भारत की अर्थव्यवस्था Fragile 5 कहलाने लगी थी

माना कांग्रेस ‘राम मंदिर’ और हि’न्दू विरोधी थी

मानता हूं कि कालाधन की एक पैरेलेल व्यवस्था से प्रोपर्टी डीलर खुश थे।

आज की तरह 28 किमी की जगह प्रतिदिन 12 किमी हाइवे ही बनते थे।

कोयला, 2G, कामनवेल्थ में थोड़ा बहुत देश का नुकसान हुआ होगा।

माना की देश के 2.5 करोड़ घरों में बिजली नहीं थी।

मानता हूँ कि बड़े उद्योगपतियों को 34 लाख करोड़ से ज्यादा के लोन दे दिए गए।

माना कि रेलवे स्टेशन पर गंदगी थी और सुविधाएं नहीं थीं।

माना कि आतकवादी हमलों के जवाब में 'सर्जिकल स्ट्राइक' नहीं की जाती थी।


                     लेकिन


ये तो मानना पड़ेगा की:

कांग्रेस के समय प्लेटफॉर्म टिकट मात्र 5 रु में था !

क्या आप लोग कांग्रेस के देश पर किये अहसान भूल जाओगे ...?

चीन से पिटे और उसने हमारी जमीन कब्जा की।

कश्मीरी ब्राह्मणों को दिल्ली में सेटल किया।

2 करोड़ बंगलादेशियो को देश को जॉब दिया।

कश्मीर में आतंकवादियों का शासन स्थापित किया।

अमन की आशा का संदेश देते हुए आतंकवादी छोड़ दिए।

सरदारों की जनसंख्या नियंत्रित की।

करोड़ों फर्जी मनरेगा जॉब कार्ड्स जारी किये

बिचौलियों को उनका पूरा कट मिलता था

Journalists को सरकारी खर्चे पर मौज उडवाई जाती थी

सिंधु नदी के पानी से पाकिस्तान की फसल लहलहाई।

अफजल गुरु और कसाब को इज्जत बख्शी।

उर्दू को द्वितीय राजभाषा बनाया।

पंचशील सिद्धांत से चीन को काबू में रखा।

शिमला समझौते से पाकिस्तान को पराजित किया।

सबसे बड़ा अहसान तो ये किया कि गाँधी वंश परम्परा को मरने नही दिया।


अब तो होश में आओ 

अगर प्लेटफॉर्म टिकट 2 रु में चाहते हो तो 

बोलो … राहुल भैया की जय 

.......

*1952 चुनाव कांग्रेस*

*1957 चुनाव कांग्रेस*

*1962 चुनाव कांग्रेस*

*1967 चुनाव कांग्रेस*

*1971 चुनाव कांग्रेस*

*1977 चुनाव कांग्रेस*

*1980 चुनाव कांग्रेस*

*1984 चुनाव कांग्रेस*

*1991 चुनाव कांग्रेस*

*2004 चुनाव कांग्रेस*

*2009 चुनाव कांग्रेस*


कांग्रेस राज के 55 साल,

फिर भी वे कहते हैं हमें एक और मौका दो हम भारत को बदल देंगे।

मोदी के लिए हमने 1 मौका दिया और उसने लुटेरों का जीवन नर्क बना दिया।